ग्रीकोरोमन कुश्तियां होगी PWL सीज़न 3 का आकर्षण, जनवरी के पहले हफ्ते से होगी लीग

ग्रीकोरोमन कुश्तियां होगी PWL सीज़न 3 का आकर्षण, जनवरी के पहले हफ्ते से होगी लीग

10th October 2017

 

नई दिल्ली :  प्रो रेसलिंग लीग के पहले दो सीज़न की क़ामयाबी के बाद इसका सीज़न-3 जनवरी के पहले सप्ताह से शुरू हो रहा है। इस सीज़न में ग्रीकोरोमन शैली की कुश्तियों को पहली बार शामिल किया गया है जो नुमाइशी खेल के तौर पर शामिल की जाएंगी। ऐसा इस शैली की कुश्ती को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। 

इस बारे में भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि ग्रीकोरोमन शैली की कुश्ती में भी हमें विश्व स्तर पर पदक हासिल हुए हैं। हम इस शैली के पहलवानों को भी एक मंच देना चाहते हैं। यह अभी शुरुआत है और उन्हें विश्वास है कि यह कुश्ती भविष्य में अपनी अलग पहचान बनाएगी। उन्होंने कहा कि इस शैली की कुश्ती को 1896 के पहले ग्रीष्मकालीन खेलों में शामिल किया गया था। इस शैली की कुश्ती में 1962 के जकार्ता एशियाई खेलों से लेकर अब तक विश्व चैम्पियनशिप, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियाई खेलों और तमाम अन्य बड़े आयोजनों में भारतीय पहलवानों ने पदक जीते हैं। यहां तक कि कई ओलिम्पिक आयोजनों में भारतीय पहलवानों की भागीदारी रही है। उन्हें विश्वास है कि इस शैली की कुश्ती को खूब पसंद किया जाएगा और इस शैली के पहलवानों को अपना स्तर सुधारने में मदद मिलेगी।

 प्रो स्पोर्टीफाई के फाउंडर एवं प्रमोटर कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि इस लीग के ज़रिये हमें न सिर्फ व्यावसायिक स्तर पर क़ामयाबी मिली है बल्कि खेल का विकास करने में भी मदद मिली है। हमें खुशी है कि देश के कुश्ती प्रेमियों को पहले दो साल में दुनिया के चोटी के पहलवानों की कुश्ती कला देखने को मिली है और इसे हम सीज़न-3 में भी दोहराने के प्रति कृतसंकल्प हैं। लीग के ज़रिये खेल का विकास भविष्य के लिए एक अच्छा संकेत है। उन्हें विश्वास है कि इससे भारत को अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपनी पदक तालिका को सुधारने का भी अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि एशियाई खेल और कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले दुनिया भर के खिलाड़ियों के लिए पीडब्ल्यूएल एक बड़ा मंच साबित होगा।

पहले दो सीज़न में खिलाड़ियों, दर्शकों और खासकर टीवी दर्शकों के अपार स्नेह से प्रेरित होकर इस बार  ज़्यादा टीमें और पहले से ज़्यादा ओलिम्पिक स्टार होंगे। तीसरे सीज़न में अब तक दुनिया भर से 200 खिलाड़ियों ने पीडब्ल्यूएल के लिए उपलब्ध रहने की पुष्टि कर दी है। लीग के आयोजक भारतीय कुश्ती

 

संघ और प्रो स्पोर्टीफाई के अनुसार भारतीय खिलाड़ियों सहित इस बार यह सूची 300 तक पहुंच गई है। टीमों की संख्या बढ़ने से यह आयोजन इस बार 24 दिन का होगा। सभी टीमें राउंड रॉबिन लीग के आधार पर एक दूसरे से भिड़ेंगी। शीर्ष चार पर रहने वाली टीमों के बीच सेमीफाइनल खेले जाएंगे और उसे जीतने वाली टीमों के बीच फाइनल खेला जाएगा।     

पहले दो सीज़न में खेले गए कुल 36 मुक़ाबलों में 2461 अंक बनने का दर्शकों ने भरपूर लुत्फ उठाया है। इनमें एक ही मुक़ाबले में 38 अंक बने थे। यह मुक़ाबला पंजाब टीम की याना रैटिगन और बैंगलुरु टीम की अलीशा लैम्पे के बीच सीज़न 1 में खेला गया था। अब तक 30 ओलिम्पियन इस लीग के साक्षी बने हैं। इनें रियो ओलिम्पिक के 11, वर्ल्ड चैम्पियनशिप के 16 और महाद्वीपीय खेलों के सात चैम्पियनों ने भाग लेकर आयोजन में चार चांद लगा दिये थे। इस लीग से न केवल भारतीय और विदेशी खिलाड़ियों को अच्छी खासी आमदनी हुई है बल्कि भारतीय खिलाड़ियों के लिए यह सीखने का एक बड़ा मंच भी साबित हुआ है, जहां कई भारतीय खिलाड़ियों ने दिग्गज विदेशी खिलाड़ियों को भी शिकस्त दी है। यहां तक कि यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के अध्यक्ष नेनाद लालोविच ने भी भारतीय कुश्ती संघ और प्रो स्पोर्टीफाई के संयुक्त उपक्रम की सराहना करते हुए कहा कि यह दुनिया भर के पहलवानों के लिए एक ऐसा मंच है जहां इस खेल की आवाज़ बुलंद हुई है। 

अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें

 

विनोद तोमर (भारतीय कुश्ती संघ)9868872333

मनोज जोशी 9953758804

दीपिका महतो 8527001355